NCERT History Notes Class 10 Ch 7 इस अध्याय में मुद्रण संस्कृति के इतिहास के बारे में बताया गया है। इसके प्रभावों की भी चर्चा है कि कैसे छपाई के कारण लोगो के जीवन मे बदलाव आया और उनके सामाजिक जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ा।

आजकल इतिहास एक रोचक विषय बनाता जा रहा है| जिसमें मुख्य रूप से इसके जानकारियों के स्रोतों में होने वाली वृद्धि के कारण संभव हुआ है| इतिहास को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जाता है प्रथम प्राचीन इसके बाद मध्यकालीन व इसके बाद का समय आधुनिक काल के रूप में जाना जाता है| आज से कुछ वर्ष पहले तक पाठक इतिहास को पढ़ने तक बचते थे परंतु अब पाठक भी इस विषय को रुचि से पढ़ते है|इस विषय को पढ़ने को बहुत से फायदे भी है जिसमे पहला ये है कि इससे हमारी तार्किक शक्ति बढ़ती है दूसरा फायदा ये है कि ये विषय बहूत से प्रतियोगी परीक्षाओं में भी हमारी मदद करता है|
इतिहास विषय मे सूचनाओं व रोचक जानकारियों का भी भरमार है जिसमें हमें सामान्य अध्ययन के बहूत से सवालो का जवाब मिलता है| इतिहास हमे ये समझने में भी मदद करता है जिन परिस्थितियों में आज हम जी रहे है वही परिस्थितियां पुराने समय मे कैसी थी और समय के साथ इसमें कैसे बदलाव आया है। इतिहास को पढ़ते समय ये हमे विभिन्न परिस्थितियों से अवगत करवाती है जिसमे हम तत्कालीन समय के सभ्यताओं के आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक व धार्मिक मान्यताओं के बारे में पढ़ते है ।
ncert history class 10 chapter 7 in hindi
NCERT History Class 10 इस पुस्तक में मुख्य रूप से विश्व इतिहास एवम भारतीय आधुनिक इतिहास के बारे में संक्षेप रूप मे बताया गया है| इसमें विश्व इतिहास व भारत के इतिहास के बीच तुलनात्मक अध्ययन करने का प्रयास भी किया गया है| इस पुस्तक में कुल 8अध्याय है और हमारे द्वारा सभी पाठ के लिए नोट्स तैयार किये गए है।
पिछले अध्याय के बारे में :
इस अध्याय में शहरों के बारे में बताया गया है। औपनिवेशिक शहरों की आर्थिक व सामाजिक परिस्थितियों के बारे में इस अध्याय में बताया गया है।
Click Here
विषयवस्तु
6.काम, आराम व जीवन : समकालीन विश्व मे शहर
7.मुद्रण संस्कृति व आधुनिक दुनिया
ncert history class 10 notes
अध्याय 7
मुद्रण संस्कृति व आधुनिक दुनिया
प्रस्तावना
इस अध्याय में मुद्रण संस्कृति के इतिहास के बारे में बताया गया है। इसके प्रभावों की भी चर्चा है कि कैसे छपाई के कारण लोगो के जीवन मे बदलाव आया और उनके सामाजिक जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ा।
1.मुद्रण की सबसे पहली तकनीक चीन, जापान व कोरिया में, 594 ई. से चीन में स्याही लगे काठ के ब्लॉक या तख्ती पर काजै को रगड़कर किताबे छापे जानी लगी|
2.चीनी बौद्ध प्रचारक 768-70 ई. के आसपास छपाई की तकनिके जापान लाये| जापान की सबसे पुरानी छपी हुई पुस्तक 868 ई. में डायमंड सूत्र है|
3.1295 ई. में मार्को पोलो चीन में काफी खोज करने के बाद इटली लौटा|
4.15वी सदी की शुरुआत तक यूरोप में बड़े पैमाने पर तख्ती की छपाई का इस्तेमाल|
5.छपाई की एक नई तकनीक 1430 के दशक में योहान गुटेनबर्ग द्वारा|पहली किताब जो छापी वो थी बाइबिल| इसके बाद एक नया पाठक वर्ग तैयार हुआ|
6.मार्टिन लूथर किंग ने कैथलिक चर्च ककी आलोचना करते हुए अपनी 95 स्थापनाएं लिखी थी| इसी के कारण प्रोटेस्टेट धर्मसुधार आंदोलन की शुरुआत|
7.इसके बाद रोमन चर्च ने प्रकाशको व पुस्तक विक्रेताओ पर पाबंदियां लगाई| 17-18वी सदी में चर्च ने स्कूल खोले|
8.पुस्तक विक्रेता भी गांव-गांव जाकर छोटी किताबे ( चैपबूक) बेचने लगे| छपाई ने वाद-विवाद व संवाद की नई संस्कृति को जन्म दिया|
9.19वी सदी में जब उपन्यास छपने लगे तो महिलाए उनकी पाठिका बनी| प्रमुख लिखिकाओ में जेन ऑस्टिन, ब्रांट बहने, जॉर्ज इलियट|
10.19वी सदी के मध्य तक रिचर्ड एम.हो. ने शक्तिचारित बेलनाकार प्रेस बनाया|
11.भारत मे प्रिंटिंग प्रेस 16वी सदी में गोआ में पुर्तगाली धर्मप्रचारक के साथ आया|
12.1579 में पहली पहली तमिल किताब व 1713 में पहली मलयालम किताब छापी|
13.जेम्स आगस्टस हिक्की द्वारा 1780 के दशक से सम्पतहिक पत्रिका का संपादन बंगाल गजट| अधिकारियों की गपबाड़ी भी छापते, वारेन हेस्टिंग्स} ने मुकदमा चलाया|
14.हिंदुस्तानी द्वारा पहला अखबार गंगाधर भट्टटाचार्य द्वारा प्रकाशित बंगाल गजट|
15.राजा राम मोहन राय द्वारा 1821 से संवाद कौमुदी प्राकाशित| तुलसीदास की रामचरितमानस का मुद्रण संस्करण 1810 में कलकता से प्रकाशित|
16.लखनऊ के नवल किशोर प्रेस व बॉम्बे के वेंकटेश्वर प्रेस ने धार्मिक किताबे छापी|
17.1870 के दशक तक पत्र पत्रिकाओं में कार्टूनों का भी प्रयोग होने लगा राजनीतिक विषयो पर टिप्पणी करते हुए|
18.1880 के दशक में पंडित रमाबाई व ताराबाई शिंदे ने औरतो की दयनीय स्थिति पर रोष के साथ लिखा|
19.20वी सदी के आरंभ से सार्वजनिक पुस्तकालय खुलने लगे था| ज्योतिबा फुले ने गुलामगिरी(1871) में जाति के अत्याचारों पर लिखा| बालगंगाधर तिलक का अखबार केसरी|
20.कलकत्ता सर्वोच्च न्यायालय 1820 के दशक तक प्रेस नियंत्रण के लिए कुछ कानून पारित किए, 1835 गोवरनेर जरनल बेंटिक कानून की पुनर्समीक्षा के लिए राजी|
21.1857 के बाद अंग्रेजो द्वारा प्रेस को नियंत्रण करने की मांग, 1878 वर्नाकुलर प्रेस एक्ट , सरकार को प्रेस में छपी रपट व संपादकीय को सेंसर करने का अधिकार मिल गया|
ncert class class 10 social science history chapter 7
अगला अध्याय
इस अध्याय में उपन्यास के इतिहास के बारे में बताया गया है। उपन्यास के आने से समाज के ऊपर क्या क्या प्रभाव पड़े इस बारे में भी बताया गया है।
Click Here
हमारी विशेषता:-1.हमारे नोट्स में सरल भाषा का प्रयोग किया गया है|
2.हमारे द्वारा उपलब्ध नोट्स संक्षिप्त है|
3.नोट्स को लिखते समय मुख्य बिन्दुओ का धयान रखा गया है|
4.आप इन नोट्स को PDF के रूप में भी संग्रहित कर सकते है|
5.हम आपके सभी सवालों का जवाब देने के लिए सदैव तैयार है|
इन सब के अलावा हम मुख्य रूप से हम सभी सोशल मीडिया (Social Media ) प्लेटफार्म पर उपलब्ध है जहां आप हमसे संपर्क कर सकते है और यदि आपको हमारा कार्य अच्छा लगता है तो आप हमें वहॉ फॉलो भी कर सकते है|इस लेख को pdf के रूप में प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके इस लेख को डाउनलोड करके pdf format में देख सकते है।
ncert history book class 10 in hindi pdf download






आप हमसे अपने सवाल सीधे हमारे फेसबुक पेज व हमारे ईमेल के द्वारा पूछ सकते है। हम पूरी कोसिस करेंगे कि हम आपके सवालो का जवाब दे पाये।
class 10 history chapter 7 notes pdf