NCERT History Notes Class 11 Ch 6 इस अध्याय में यूरोप के तीन वर्गों के बारे में बताया गया है जो कि पादरी, अभिजात व कृषक वर्ग है।

आजकल इतिहास एक रोचक विषय बनाता जा रहा है| जिसमें मुख्य रूप से इसके जानकारियों के स्रोतों में होने वाली वृद्धि के कारण संभव हुआ है| इतिहास को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जाता है प्रथम प्राचीन इसके बाद मध्यकालीन व इसके बाद का समय आधुनिक काल के रूप में जाना जाता है| आज से कुछ वर्ष पहले तक पाठक इतिहास को पढ़ने तक बचते थे परंतु अब पाठक भी इस विषय को रुचि से पढ़ते है|इस विषय को पढ़ने को बहुत से फायदे भी है जिसमे पहला ये है कि इससे हमारी तार्किक शक्ति बढ़ती है दूसरा फायदा ये है कि ये विषय बहूत से प्रतियोगी परीक्षाओं में भी हमारी मदद करता है|
इतिहास विषय मे सूचनाओं व रोचक जानकारियों का भी भरमार है जिसमें हमें सामान्य अध्ययन के बहूत से सवालो का जवाब मिलता है| इतिहास हमे ये समझने में भी मदद करता है जिन परिस्थितियों में आज हम जी रहे है वही परिस्थितियां पुराने समय मे कैसी थी और समय के साथ इसमें कैसे बदलाव आया है। इतिहास को पढ़ते समय ये हमे विभिन्न परिस्थितियों से अवगत करवाती है जिसमे हम तत्कालीन समय के सभ्यताओं के आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक व धार्मिक मान्यताओं के बारे में पढ़ते है ।
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NCERT History Class 11 इस पुस्तक में मुख्य रूप से विश्व इतिहास के बारे में संक्षेप रूप मे बताया गया है| इस पुस्तक में कुल 11 अध्याय है और हमारे द्वारा सभी पाठ के लिए नोट्स तैयार किये गए है।
पिछले अध्याय के बारे में :
इस अध्याय में मंगोल साम्राज्य के बारे में बताया गया है। इस साम्राज्य के मुख्य शासक चंगेज खान है जिसने ईस साम्राज्य की स्थापना की।
विषयवस्तु
3.तीन महाद्वीपो में फैला हुआ साम्राज्य
4.इस्लाम का उदय और विस्तार – लगभग 570- 1200 ई.
6.तीन वर्ग
7.बदलती हुई सांस्क़ृतिक परम्पराएँ
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अध्याय 6
तीन वर्ग
प्रस्तावना
इस अध्याय में यूरोप के तीन वर्गों के बारे में बताया गया है जो कि पादरी, अभिजात व कृषक वर्ग है।
1.रोमन साम्राज्य के पतन के बाद जर्मन मूल के समूहों ने इटली, स्पेन व फ्रांस के क्षेत्रों पर अधिकार किया यहां के 3 वर्ग प्रमुख- पादरी, अभिजात व कृषक|
2.सामंतवाद जर्मन शब्द फ़्यूड से बना है जिसका अर्थ है भूमि का टुकड़ा- इसकी उत्पत्ति 11वी सदी के उत्तरार्ध में यूरोप में|
3.जर्मनी की एक जनजाति फ्रैंक ने गॉल को अपना नाम देकर इसे फ्रांस बना लिया|
4.वैसलेज प्रथा- बड़े भूस्वामी व अभिजात वर्ग राजा को अपना स्वामी मान लेता था और वो आपस मे वचनबद्ध होते- लार्ड दस की रक्षा करते और बदले ममे वो उनके प्रति निष्ठावान रहते| दास को भूमि प्रतीक के रूप में लिखित अधिकार पत्र, एक छड़ी या। मिट्टी कक एक डला दे दिया जाता|
5.9वी सदी से यूरोप में स्थानीय युद्ध- नाइट्स का। उदय- लार्ड इन्हें भूमि का एक टुकड़ा(फीफ) देते| नाइट्स अपने लार्ड को एक निश्चित रकम देते और उसकी तरफ से लड़ने का वचन भी देते|
6.चर्च को एक वर्ष के अंतराल में कृषको से उसकी उपज का दसवां हिस्सा लेने का अधिकार था(टीथ)|
7.दो प्रसिद्ध मठ एक 529 बेनेडिक्ट(इटली) दूसरा वलुनी(बरगंडी)ये भिक्षु निवास- यह प्रार्थना करते, अध्ययन व कृषि कर्म भी करते| पुरुष मोंक व स्त्री नन कहलाती|
8.13वी सदी भिक्षुओ ने कुछसमूहों ने मठो मेन रहने का निर्णय लिया (फ्रायर)|
9.काश्तकार दो तरह के स्वतंत्र व सर्फ(कृषिदास)| पुरुषों का सैनिक सेवा में योगदान जरूरी वर्ष में कम से कम 40 दिन| कृषको के परिवारों को लार्ड के जागीरों पर जाकर हफ्ते में 3 या उससे अधिक दिन बेगारी करनी पड़ती|
10.राजा कभी कभी कृषको पर प्रत्यक्ष कर टैली लगते थे| 11वी सदी में मौसम में गर्माहट कृषि के लिए लंबी अवधि मिली|
11.कृषि दो भागों में एक मे शरद ऋतु में गेहूं, दूसरा भाग खाली, अगले वर्ष पार्टी भूमि पर राई दूसरा भाग खाली|
12.6ठी सदी से मध्य यूरोप से एंजिल व सैक्सन इंग्लैंड में आकर बस गए| इंग्लैंड देश का नाम एंजिल लैंड का रूपांतरण|
13.तीन खेती व्यवस्था- 3 वर्षो में 2 वर्ष अपने खेत का प्रयोग कर सकता था एक फसल शरद ऋतु(गेंहू/राई) में उसके डेढ़ साल बाद दूसरी वसंत में(मटर,सेम,मसूर,जौ) तीसरा खेत खाली|
14.कृषिदास एक वर्ष व एक दिन अपने। लार्ड से छुपे रहने के बाद स्वत्नत्र नागरिक बन सकता था|
15.12वी सदी में फ्रांस में कैथीड्रल कहलाने वाले बड़े चुरचो का निर्माण शुरू हो गया इनके आस पास छोटे नगर विकसित हुए|
16.14वी सदी की शुरुआत तक यूरोप का आर्थिक वीक्स धीमा पड़ गया| मौसम परिवर्तन, जनसंख्या वृद्धि, आकाल(1315-17), धातुमुद्र में कमी, मजदूरों की संख्या ममे कमी|
17.फ्रांस लुई XI, इंग्लैंड हेनरी VII, स्पेन इसबेलाव फर्डिनेंड- निरंकुश शासक| स्थाई सेना की प्रक्रिया चलाई करो में वृद्धि की|
18.इंग्लैंड विद्रोह (1497,1536,15471549,1553)का दमन किया गया| फ्रांस में लुई XVI , डयूक लोगो व राजकुमारों के विरुद्ध लंबा संगर्ष|
19.1614 लुई XIII एस्टेट जनरल(परामर्शदात्री सभा) का अधिवेशन, राजा अपनी शक्ती बटन नही चाहता था दो सदी तक कोई बैठक नही बुलाई|
20.चार्ल्स प्रथम(1629-40) बिना पार्लियामेंट बुलाये 11 वर्ष तक शासन- इसे प्राणदंड देकर गणतंत्र की स्थापना – परन्तु राजतंत्र की पुनः स्थापना शर्त- पार्लियामेंट की बैठक नियमित रूप से बुलाई जाए|
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अगला अध्याय
इस अध्याय में 14वी सदी से 17वी सदी में यूरोप के शहरों के बारे मे बताया गया है। मुद्रण इतिहास की भी चर्चा है।
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