From Plassey to Partition Book Review In Hindi

From Plassey To Partition प्लासी से विभाजन तक Review In Hindi

पलासी से विभाजन तक

पुस्तक का नाम:- प्लासी से विभाजन तक और उसके बा
लेखक:- शेखर बंधोपाध्याय 
अनुवादक:- नरेश’नदीम’
प्रकाशक:- Orient Blackswan
प्रकाशन वर्ष:- 2019
ISBN:-9788125058502
मूल्य:- 375
पृष्ठ:- 591
भाषा:- हिंदी
उपयोगी:- Modern History,UPSC,NET-JRF
Plassey to partition by Shekhar Bandhopaddhya

लेखक परिचय:-
शेखर बंदोपाध्याय विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ऑफ वेलिंगटन में एशियाई हिस्ट्री के associate प्रोफेसर व director है। उन्होंने भारत के कल्याणी व कोलकाता यूनिवर्सिटी में भी अध्यापन किया है। उन्होंने प्रकाशित रचनाओं में Caste: Politics and the raj : bengal,1872- 1937; Bengal: rethinking history: essays in historiography; Caste and communal politics in South Asia & bengal: communities, development & status शामिल है। 
प्लासी से विभाजन तक और उसके बाद शेखर बंधोपाध्याय 

पुस्तक के बारे में:-
इस पुस्तक की शुरुआत मुगलो के पतन तथा क्षेत्रीय शक्तियों के उदय से (18वी सदी) से होती है। इसमें बताया गया है कि कैसे मुगलो के पतन के बाद क्षत्रियों का उदय एवम कैसे जल्द ही अंग्रेजो के हाथ में वास्तविक शक्ति अंग्रेजों के हाथों आ गई। इसमे ब्रिटिश शासन के आधीन भारत एवं आज़ादी के बाद के भारत के बारे में भी बताया गया है। पुस्तक में कुल 9 अध्याय है प्रत्येक अध्याय को 5-6 उपविषयों में विभाजित करके उस पर विभिन्न इतिहासकारो के मतो को शामिल करते हुए चर्चा की गई है। 
प्लासी से विभाजन तक और उसके बाद book review in hindi

विषय सूची:-

1.अठारहवीं सदी का संक्रमण
2.भारत में ब्रिटिश साम्राज्य
3.आरंभिक भारतीय प्रतिउत्तर:सुधार व विद्रोह
4.भारतीय राष्ट्रवाद का उदय
5.भारतीय राष्ट्रवाद: असंतोष व विद्रोह 
6.गांधीवादी राजनीति का युग
7.भारतीय राष्ट्र के विभिन्न स्वर
8.विभाजन के साथ स्वतंत्रता 
9.स्वतंत्रता और विभाजन के पश्चात 

Plassey se vibhajan tk aur uske baad book review

विश्लेषण:-
1.पुस्तक का आकार छोटा है एवम पुस्तक मोटी है।
2.इसमे कहीं-कहीं कठिन शब्दो का प्रयोग किया गया हैं परंतु समझनीय है। 
3.पुस्तक B/W(Black & White) संस्करण में है।
4.छपाई की गुणवत्ता अच्छी है।
5.पृष्ठों की गुणवत्ता भी ज़्यादा अच्छी है।
6.शब्दो का आकार सही है, पठनीय है।
7.पुस्तक में 6 मानचित्रों का प्रयोग किया गया है। इसमे एक भी चित्र का प्रयोग नही किया गया है।
8.पुस्तक में दूसरे इतिहासकारो के मतों को भी पर्याप्त मात्रा में शामिल किया गया है। 
9.पुस्तक में उपविषयो को शामिल किया गया है।
10.इसमे अध्याय के अंत मे प्रश्नों को नही दिया गया हैं।
Plassi se vibhajan tak aur uske baad in hindi

निष्कर्ष:-
 पुस्तक को 18वी सदी-आज़ादी के बाद के इतिहास के काल को समझने के लिए अच्छी पुस्तक है। प्रतियोगी परीक्षाओ में जिन छात्रों को दीर्घ उत्तर लिखने की आवश्यकता होती है उनके लिए ये पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी क्योंकि इसमें दूसरे इतिहासकारो के मतों (Debates) को भी शामिल करते हुए चर्चा की गई है। UPSC History Optional के विद्यार्थियों को भी ये पुस्तक पढ़नी चाहिए।  दूसरे अन्य पाठक भी जो आधुनिक भारत के इतिहास को और बेहतर ढंग से समझना चाहते है वो भी इस पुस्तक को पढ़ सकते है। अंतः ये पुस्तक अच्छी पुस्तको की श्रेणी में आती है। 

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